6 हजार हेडमास्टर होंगे भर्ती, परीक्षा में निगेटिव मार्किग नहीं,प्रधानाध्यापक भर्ती नियमावली में हुआ संशोधन
विभाग के निर्देश पर परीक्षा पैटर्न तय करेगा बीपीएससी, शिक्षण अनुभव में 4 साल तक छूट भी
राज्य के उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों में प्रधानाध्यापक नियुक्ति के लिए नियमावली संशोधित कर दी गई है। तय किया गया है, कि परीक्षा कैसे ली जाएगी यह शिक्षा विभाग तय कर बीपीएससी को नहीं देगा। नियमावली में संशोधन के बाद बीपीएससी परीक्षा पैटर्न तय करेगा। परीक्षा पैटर्न तय करने में शिक्षा विभाग के साथ बैठक कर परामर्श लेने की बात है। जल्द ही कैबिनेट से स्वीकृति लेकर प्रधानाध्यापक की वैकेंसी बीपीएससी को भेजी जाएगी। माना जा रहा है जून या जुलाई के अंत तक रिक्ति आ सकती है। प्रधानाध्यापक के कुल पदों में 35 प्रतिशत यानी लगभग 2700 पद महिलाओं के लिए. आरक्षित रहेंगी। एससी, एसटी, पिछड़ा और अत्यंत पिछड़ा वर्ग के साथ ही आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए आरक्षण का प्रावधान लागूं रहेगा। प्रधानाध्यापक का संवर्ग प्रमंडल स्तर का होगा।
बदलाव की जरूरत क्यों :
पिछले साल 6421 प्रधानाध्यापक भर्ती के लिए ली गई
परीक्षा में मात्र 420 अभ्यर्थी ही सफल हो सके थे। इसके बाद कई स्कूलों में पद खाली रह गए थे। इस कारण स्कूलों का प्रबंधन सुचारू ढंग से नहीं चल पा रहा था। अब विभाग ने परीक्षा पैटर्न में बदलाव किया है ताकि इस बार पद खाली न रह पाए। नए बदलाव से आवेदन देने वालों की संख्या 25 हजार तक हो सकती है।